- जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा ब्लॉक में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर पूरे पंचायती राज विभाग में हड़कंप मच गया है |
- गौरतलब है कि 1 ग्राम की पंचायत सहायक के सेक्रेटरी ने पंचायत सहायक को व्हाट्सएप पर मैसेज करके कहा कि मेरे बाबू मान जाओ ना |
- सेक्रेटरी साहब जी काली करतूत को पंचायत सहायक हिम्मत दिखाते हुए ब्लॉक के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप जिसे अधिकारियों द्वारा बनाया गया है उसमें उसका एक स्क्रीनशॉट डाल दिया जिससे पूरे ब्लॉक में हड़कंप मच गया |
- जब हो हंगामा बढ़ने लगा और खंड विकास अधिकारी से इस बारे में बात की गई तो खंड विकास अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी ना होने का बहाना बनाया |
- इसके अलावा जब ग्राम सचिव से इस बारे में बात की गई तो इस मामले पर पहले तो बात नहीं करना चाह रहे थे |
- फिर थक हारकर मीडिया से मामले पर लीपापोती करते हुए कहने लगे मेरा मतलब वह नहीं था जो आप समझ रहे |
- यह घटना पिछले रविवार की है देर रात को सचिव साहब ने पंचायत सहायता के पर्सनल नंबर पर डीएम करके कहा “मेरे बाबू मान जाओ” पंचायत सहायक ने जो स्क्रीनशॉट ग्रुप में डाले उसमें सेक्रेटरी साहब की तरफ से कुछ मैसेज डिलीट भी किए गए थे |
- लेकिन मेरे बाबू मान जाओ वाला डिलीट करने से पहले ही पंचायत सहायक में स्क्रीनशॉट ले लिया था |
- गौरतलब है कि कई बार गाहे-बगाहे यह खबरें आती रहती है कि सरकारी अधिकारी अपने नीचे से जूनियर अधिकारियों का शोषण करते हैं |
- जिसमें शोषण करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं चाहे वह आर्थिक रूप से हो शारीरिक रूप से हो अन्य तरीके से शोषण करते रहें |
पंचायत सहायको का दर्द
- लेकिन जो सेक्रेटरी होते हैं इसमें एक कदम आगे निकल चुके है |
- यह निम्नलिखित तरीके से पंचायत सहायकों का शोषण करते हैं जिनके खिलाफ सभी पंचायत सहायकों को एकजुट होने की जरूरत है |
- पंचायत सहायक के पद पर महिला और पुरुष दोनों तैनात में लेकिन सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं को होता है |
- सचिव अक्सर पंचायत सहायकों का वेतन समय पर नहीं लगाते कई जिलों में लगातार शिकायतें आती हैं कि पंचायत सहायकों को लेकर 6 महीने से लेकर साल भर तक का वेतन नहीं मिला है |
- वेतन को लेकर पंचायत सहायकों का सचिव शोषण करते हैं कई बार तो ऐसा कहते हैं कि इतना पैसा दे दो तब हम तुम्हारा पेमेंट लगा देंगे
- कई बार यह शोषण शारीरिक रूप में भी चला जाता है |
- कई बार सेक्रेटरी बहाने करते हैं कि बजट खत्म हो गया है ग्राम निधि में पैसा नहीं है तो मन लग नहीं रहा है अभी काम चल नहीं रहा है वगैरा-वगैरा विभिन्न प्रकार के बहाने करते पंचायत सहायकों का वेतन ना देने में आनाकानी करते हैं |
- सेक्रेटरी से कई बार पंचायत सहायक समझौता भी कर लेते हैं और पैसे देने को तैयार हो जाते लेकिन सबसे बड़ी समस्या महिलाओं के सामने आती है कई जाती हैं मुरादाबाद से ठाकुरद्वारा ब्लॉक में देखने को मिल रहा है|
- कई महिला पंचायत सहायकों की शिकायत है कि देर रात को सचिव फोन करते हैं और अजीब तरीके का काम करने को कहते हैं | यह करो वह करो यह रजिस्टर बनाओ वो रजिस्टर बनाओ जो कार्यों से पंचायत सहायकों का कोई लेना देना नहीं है लेकिन विभिन्न तरीकों से पंचायत सहायकों को सचिव परेशान करते हैं |
- कई बार पंचायत सहायक सचिव लोगों को ग्राम में भ्रष्टाचार में अड़ंगा लग जाता है क्योंकि पंचायत सहायकों को कोई भी सेक्रेटरी जानकारी देना नहीं चाहते |
- पेमेंट बाहर से बुलाकर प्राइवेट ऑपरेटर से लगाते हैं ऐसा इसलिए करते हैं ताकि पंचायत सहायक को गांव में कितना कार्य हुआ पेमेंट कितने का हुआ इसकी भनक न लगे |
- सचिव इस लिए ऐसा करते हैं ताकि वह नहीं चाहते हैं कि गांव में कितना कार्य हुआ कितना पेमेंट हुआ इसकी भनक किसी को ना लगे और वह अपने आप भ्रष्टाचार का खुल्लम खुला खेल करें |
- अगर कोई पंचायत सहायक इसके बारे में ज्यादा जब कुछ सवाल जवाब करता है तो सेक्रेटरी बदतमीजी करते हैं |
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